बिग ब्रेकिंग- त्रिवेन्द्र रावत का गिरता ग्राफ!! हरक सिंह पर की गई टिप्पणी पड़ सकती है भारी।

by | Sep 17, 2021 | चमोली | 0 comments

उत्तराखण्ड। एक बड़ी खबर आपको बता दें कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत की पूरे प्रदेश में एकबार फिर खूब किरकिरी हो रही है।

ताजा मामला त्रिवेन्द्र रावत द्वारा मंत्री हरक सिंह रावत पर अभद्र औऱ अपमानजनक शब्द कहने से जुड़ा है। आपको बता दें कि त्रिवेन्द्र रावत की कुर्सी छीनने के बाद अक्सर अपनी ही पार्टी औऱ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं लेकिन इस बार मंत्री हरकसिंह रावत पर अभद्र व्यक्तिगत टिप्पणी करने के बाद शीर्ष नेतृत्व भी त्रिवेन्द्र से काफी नाराज बताया जा रहा है।

आपको बता दें कि मंत्री हरक सिंह रावत उत्तराखण्ड के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं ।

आपको एक रोचक बात औऱ बता दें कि जब 1991 में मात्र 27 वर्ष की उम्र में यूपी सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री थे उस वक्त त्रिवेन्द्र रावत यूपी के मंत्री उमाकांत के पीआरओ थे।

आपको बता दें कि 1982 में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में टॉप करने का रिकॉर्ड भी हरक सिंह के नाम ही है। वहीं 1985 में आगरा यूनिवर्सिटी के एसिस्टेंट प्रोफेसर भी थे। आपको बता दें कि 2007 से 12 तक नेता प्रतिपक्ष , 2012 से 17 तक मंत्री औऱ वर्तमॉन में मंत्री पद पर हरकसिंह हैं। 6 बार विधायकी जीतने का रिकॉर्ड भी इन्ही के नाम पर दर्ज है।

बता दें कि उत्तराखण्ड आंदोलन के लिए फ्रंट फुट पर आकर नेतृत्व करने , राममंदिर आंदोलन के लिए जेल जाने ,श्रीनगर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने जैसे क़ई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका में रहे। नेता प्रतिपक्ष से लेकर मंत्री और लगातार जीत का रिकॉर्ड भी हरक सिंह रावत के ही नाम है।

ऐसे में इतने कद्दावर नेता को त्रिवेन्द्र रावत द्वारा अभद्र औऱ अपमानजनक शब्द कहने पर हरकसिंह समर्थकों में भी खासा रोष है। आपको बता दें कि अभी हाल ही में देहरादून की रायपुर विधानसभा क्षेत्र में भी त्रिवेन्द्र रावत गुट लगातर विधायक काऊ का अपमान कर रहा था , कभी विधायक के पोस्टर फाड़े जा रहे थे तो कभी विधायक के खिलाफ गुप्त मीटिंग की जा रही थी जिसको कि भाजपा आलाकमान ने गम्भीरता से लिया और त्रिवेन्द्र गुट के खास कहे जाने वाले राजेश शर्मा को मंडी परिषद के अध्यक्ष पद से हटा दिया है वहीं अब अन्य गुटबाजी करने वालो के खिलाफ भी गाज गिरने वाली है। इस पूरे प्रकरण में देखा जाय तो सीएम की कुर्सी छिनने के बाद त्रिवेन्द्र रावत की बौखलाहट बयानों के माध्यम से देखी जा सकती है।

पंडा पुरोहितों को कोंग्रेसी बताने से लेकर भू कानून का विरोध करने तक क़ई ऐसे बयानों की वजह से त्रिवेन्द्र रावत की लगातार किरकिरी हुई है वहीं अब मंत्री हरकसिंह रावत को गधा बताने वाले बयान से त्रिवेन्द्र रावत का ग्राफ औऱ नीचे गिर गया है। हरक सिंह रावत समर्थकों का कहना है कि त्रिवेन्द्र रावत अपना दिमागी संतुलन खो चुके हैं अब उन्हें राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए।