उत्तराखण्ड। ये भी अजब गजब बात है कि कोविड के चक्कर मे चारधाम यात्रा ठप्प है पर पार्टियों की राजनीतिक यात्राएं जोरो शोरो से शुरू हो गई हैं।
एक तरफ भाजपा की आज से शुरू हो रही जन आश्रीवाद यात्रा तो वहीं कोंग्रेस की सत्ता परिवर्तन यात्रा। इसके बाद शायद आम आदमी पार्टी औऱ यूकेडी भी कोई इस तरह की यात्रा प्रारंभ करे।
एक तरफ चारधाम यात्रा से अपनी आजीविका चलाने वाले लोगो के लिए दो जून की रोटी का इंतज़ाम करना मुश्किल हो रहा है वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियों की इन यात्राओं से मानो कोरोना कहीं छुपकर बैठ रहा हो।कोविड नियमो की जितनी धज्जियां नेताओं की रैलियों में उड़ाई जा रही हैं उतनी कहीं नहीं।
आम व्यक्ति जिंसके लिए शाम की रोटी का इंतज़ाम करना मुश्किल हो रहा है उसके ही कोविड नियमो के उलंघन में चालान कट रहे हैं। पार्टियां भले ही अपनी यात्राएं भी चलाती रहे पर चारधाम यात्रा से जुड़े छोटे बड़े व्यवसायीयो के बारे में भी तो कुछ सोचे। सरकार को कम से कम इस ओर एक सकारात्मक कदम बढाकर चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों को विशेष राहत पेकेज की घोषणा करनी चाहिए। सूत्र बताते हैं कि कोविड के नए नए वेरियंट और तीसरी लहर के चलते अक्टूबर में फिर से लोकडाउन भी लग सकता है।