अच्छी ख़बर – उत्तराखंड से सांसद और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की टाटा कैंसर अस्पताल बनवाने की कोशिश ला रही हैं रंग । रायपुर के विधायक उमेश काऊ ने जताया अनिल बलूनी का आभार

by | Aug 20, 2021 | चमोली | 0 comments

उत्तराखंड से सांसद और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की कोशिश ला रही हैं रंग ।

जी हां आपको बता दे उत्तराखंड में अब दर – दर नहीं भटकना पड़ेगा कैंसर मरीजों को

मुंबई की तर्ज पर बनने वाले टाटा कैंसर अस्पताल की मुहिम अब तेजी से आगे बढ़ रही है. जल्द ही उत्तराखंड में भी टाटा कैंसर अस्पताल होगा,

आपको बता दे की उत्तराखंड में टाटा कैंसर हॉस्पिटल की स्थापना के सन्दर्भ में दिल्ली में अटॉमिक एनर्जी के मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी । इस बैठक में टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. राजेंद्र अच्युत बडवे और डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पंकज चतुर्वेदी, उत्तराखंड से सांसद अनिल बलूनी उत्तराखंड के प्रमुख सचिव स्वास्थ श अमित नेगी, डि.जि चिकित्सा शिक्षा सी रवि शंकर और उत्तराखंड कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. पांडे भी मौजूद थे .

आपको बता दें कि हाल ही में अनिल बलूनी ने उत्तराखंड में टाटा कैंसर अस्पताल बनाने की मांग की थी. इसके लिए बकायदा उन्होंने रतन टाटा को पत्र लिखकर उत्तराखंड में टाटा कैंसर अस्पताल खोलने का आग्रह किया था. रतन टाटा ने भी अनिल बलूनी के इस पत्र को सकारात्मक रूप में लिया और उत्तराखंड में टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की हामी भर दी. केंद्र सरकार और रतन टाटा के सहयोग से अब अनिल बलूनी की ये मुहीम तेजी से आगे बढ़ रही है.

अनिल बलूनी के उत्तराखंड में कैंसर अस्पताल को बनाने की इस मुहिम के लिए रायपुर के विधायक उमेश काऊ ने उनका आभार जताया हैं और साथ ही उन्होंने कहा की उत्तराखंड में अभी तक कोई भी ऐसा अस्पताल नही हैं जहां पूर्ण रूप से कैंसर का इलाज हो सके जिस कारण मरीजों को अच्छे इलाज के लिए दिल्ली , मुंबई जाना पड़ता हैं। जिससे उन्हे कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं हम सभी जानते हैं की कैंसर के इलाज के लिए मरीज को कई तरह की थेरेपी लेनी पड़ती है जिसके लिए मरीज को बार – बार अस्पताल जाना पड़ता हैं। दूसरे राज्य में इलाज करवाने से मरीज का खर्चा भी कई गुणा बड़ जाता हैं। उत्तराखंड में ही कैंसर अस्पताल बन जाने से उत्तराखंड के कैंसर मरीजों को बिना किसी परेशानी के उन्हे अच्छा इलाज मिल सकेगा और मरीजों को अच्छे इलाज के लिए दूसरे राज्यों के उपर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा