
उत्तराखण्ड। एक बड़ी खबर आपको बता दें कि वर्तमान में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं में आउटसोर्स के आधार पर विभिन्न पदों पर कार्मिकों की आपूर्ति के लिए एक एजेंसी का चयन किया गया है। इस एजेंसी ने विभाग को लिखे एक खत में कहा है कि कुछ लोग आवेदकों से पैसा वसूल रहे हैं। विभागीय अफसरों ने सभी को आगाह करते हुए कहा कि किसी को भी चयन के लिए कोई पैसा न दिया जाए।
आपको बता दें कि पहली बार पोषण अभियान के तहत यहाँ एक लोकल उत्तराखण्ड की आउटसोर्सिंग एजेंसी क्रिएटिव का चयन हुआ है। एजेंसी ने विभाग को भी एक पत्र प्रेषित किया है।
अनुरोध पत्र विभाग को अपने स्तर से आवश्यक कदम उठाने हेतु दिया गया। इसमें कहा गया है कि कुछ अवांछित तत्त्व कतिपय माध्यमों से इस आशय की भ्रामक सूचना फैला रहे हैं कि उपरोक्त पदों पर रखे जाने हेतु अभ्यर्थियों से 2 से 3 माह के वेतन की मांग की जा रही है, जिनका एजेंसी से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। यह नितांत अनुचित और नियम विरुद्ध है।
कुलमिलाकर पहली बार इस विभाग में ऐसी एजेंसी को काम मिला है जो पारदर्शिता पूर्वक काम करने के लिए खुद ही पहल कर रही है।