उत्तराखण्ड । एक बड़ी खबर आपको बता दें कि उत्तराखण्ड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर कुछ पोर्टल द्वारा आरोप लगाए गए थे कि आयोग एक ब्लैक लिस्टेड कम्पनी से परीक्षाएं आयोजित करवा रहा है।
जिस पर अब आयोग के द्वारा एक नोटिस पोर्टलों को जारी करते हुए कहा गया है कि कम्पनी यदि कहीं से ब्लैकलिस्ट है तो साक्ष्य उपलब्ध करवाएं।
आप भी पढिये आयोग का ये नोटिस-:समाचार पोर्टल The news adda पर दिनाँक 1/9/2021 को प्रकाशित समाचार दागी एजेंसी का हिमायती क्यों बना UKSSSC” तथा “पर्वतजन’ न्यूज पोर्टल पर दिनांक 30/8/ 2021 को प्रकाशित समा “उत्तरप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड एजेंसी उत्तराखण्ड में घड़ल्ले से आयोजित करा रही परीक्षा की जानकारी आयोग को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई। इन समाचारों से यह जानकारी मिली है कि उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष श्री बॉबी पंवार ने थाना राजपुर रोड, देहरादून में इस आशय की एक लिखित शिकायत की है कि आयोग ने एक ऐसी एजेंसी से अनुबंध किया जो उत्तरप्रदेश में 2017 में आयोजित सब इंस्पेक्टर पद की लिखित परीक्षा में हुई व्यापक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के चलते इस एजेंसी को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया था। इसके साथ यह भी शिकायत की गई है कि जब 2017 में यह कम्पनी ब्लैकलिस्ट हो गई थी तब इससे उत्तराखण्ड में परीक्षायें क्यों कराई जा रही हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि इन परीक्षाओं में राज्य सरकार व उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा अनियमितता बरती गई है।यह एक गंभीर आरोप है व इसलिए आयोग द्वारा सबसे पहले सेवा प्रदाता कम्पनी से लिखित में पुनः पुष्टि कराई गई कि वे उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश या किसी भी अन्य स्थान पर ब्लैक लिस्ट हुये हैं या नहीं। उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा ऑनलाईन भर्ती परीक्षा के लिए वर्तमान सेवाप्रदाता कम्पनी का चयन पारदर्शी व प्रतिस्पर्धी टेंडर के माध्यम से किया गया व चयन के समय में भी कम्पनी से यह प्रमाण पत्र मांगा गया था कि वे कहीं भी ब्लैक लिस्ट आदि तो नहीं हुये हैं। इन समाचारों के प्रकाश में आने के बाद पुन: इस बात की पुष्टि कराई गई। अतः आयोग अपने अभ्यर्थियों के हित में व राज्य के नागरिकों की सूचना के लिए यह स्पष्ट करना चाहता है कि आयोग द्वारा ऑनलाईन परीक्षाओं के लिए एक प्रतिष्ठित व अनुभवी सेवाप्रदाता का चयन किया गया है। सेवाप्रदाता से कराई गई पुष्टि के आधार पर सूचित करना आवश्यक हैं कि यह सेवाप्रदाता वर्ष 1999 से इस कार्यक्षेत्र में है व अभी तक किसी भी सरकार या संस्था ने इन्हें ब्लैक लिस्ट नहीं किया है।अतः स्पष्ट है कि आयोग राज्य सरकार व इस सेवा प्रदाता को बदनाम करने, मानहानि करने व आयोग की प्रतिष्ठा को आघात करने की नीयत से यह भ्रामक समाचार प्रसारित किया गया है। यहां यह भी स्पष्ट करना है कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है व आयोग के कार्यों में राज्य सरकार का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं है। राज्य सरकार आयोग को कार्य करने के लिए सब प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराती है किन्तु चयन की सम्पूर्ण प्रक्रिया में राज्य सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहा है।इस दृष्टि से आयोग द्वारा श्री बॉबी पंवार, न्यूज पोर्टल पर्वत जन तथा न्यूज पोर्टल द न्यूज अड्डा को इस गंभीर मामले में नोटिस भेजकर उनसे यह अभिलेखीय साक्ष्य मांगा गया है कि सम्बन्धित संस्था किस आदेश या अभिलेख से ब्लैक लिस्ट की गई है या इन आरोपों के लिए ऐसा कौन सा साक्ष्य है जिससे इस सेवाप्रदाता के द्वारा की गई गड़बड़ियों के लिए दण्डित किया गया हो। इन पक्षकारों से उत्तर प्राप्त होने पर आयोग इस मामले में आगे की कार्रवाई का निर्णय लेगा।अभ्यर्थियों को यह सूचित करना है कि आयोग पारदर्शिता व स्वच्छ तरीके से परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है, अतः वे अपनी मेहनत करें व ऐसे किसी भी दुष्प्रचार से प्रभावित न हों।