प्यार मोहब्बत प्रेम और फिर शादी । एक युवा कपल अक्सर यही सपने देखता है । दो जवान होते दिलों की प्रेम कहानियां आपने बहुत देखी होंगी, पढ़ी होंगी और शायद महसूस भी की होंगी।
कई प्रेमी जोड़ियों की शादियां जाती पाती , धर्म संप्रदाय की वजह से नही हो पाती क्योंकि बिरादरी और समाज ऐसी शादियों को मान्यता नही देता जबकि संविधान में कोई भी बालिग शादी करने के लिए स्वतंत्र है।
एक ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तरकाशी जिले से जहां ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाली युवती और अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले युवक की प्रेम कहानी शादी तक जा पहुंची जिसके बाद हंगामा हो गया।
जिसके बाद दोनो ने ही अब उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सुरक्षा देने की मांग उठाई है।
युवती का कहना है कि उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से शादी की हैं और दोनो ही बालिग हैं इसमें किसी को आपत्ति नही होनी चाहिए ।
आपको बता दें कि पहाड़ों में अभी भी एक ही जातियो के अंदर भी कई तरह के विभेद हैं । ब्राहणो में छोटे ब्राह्मण बड़े ब्राह्मण, ठाकुरो में बड़े ठाकुर छोटे ठाकुर और अनुसूचित जाति के अंदर भी बड़ी जाति छोटी जाति जैसी अवधारणाएं वर्षो से चली आ रही हैं। ऐसे में दूसरी जाति से विवाह को अधिकांश परिवार वाले स्वीकार नही करते । वहीं अब बदलते समाज में अब ऐसी मान्यताएं भी धीरे धीरे कम होती जा रही हैं और बालिग अपनी मर्जी से शादियां कर रहे हैं। हालंकि समाज का एक तबका दबी जुबान में इसका लगातार विरोध करता है।