खबर चमोली जिले के विकासखंड पोखरी के खाल से है। जहां पौराणिक सिद्ध पीठ भगवान बसूकेदार के मंदिर प्रांगण को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ने के लिए पहुंची केदारनाथ वन प्रभाग की टीम का स्थानीय महिलाओं ने भारी विरोध किया और उत्तराखंड सरकार के मुर्दाबाद के नारे लगाए।
आपको बता दें कि वन विभाग अब ऐसी पौराणिक मंदिरों को भी अतिक्रमण के नाम पर तोड़ने का काम कर रहा है जो उस वक्त से हैं जब खुद वन विभाग भी अस्तित्व में नही था। पौराणिक समय से खाल गांव से 2 किलोमीटर पैदल चढ़ाई पर स्थित बसुकेदार मंदिर लाखो श्रदालुओ के आस्था का केंद्र है।
आपको बता दें कि स्थानीय लोगो का कहना है कि घनघोर जंगलों में पुरातन काल से बने आस्था के केंद्रों को अतिक्रमण बताकर तोड़ने की कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया जाएगा । स्थानीय जनता का कहना है कि यदि इसके बाबजूद भी वन विभाग मंदिर परिसर को क्षति पहुंचाता हैं तो आने वाले लोकसभा चुनाव का आस पास के दर्जनों गांव बहिष्कार करेंगे। जनता ने वर्तमान भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके इष्ट देव के मंदिर को तोड़ा गया तो वो आगामी सभी चुनावों में भाजपा का भी बहिष्कार करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। आपको बता दें कि जिस खाल गांव में यह पौराणिक मंदिर स्थित है उसी गांव में वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी का ससुराल भी है ।