उत्तराखंड. एक बड़ी खबर आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी के पुरोला में महापंचायत पर रोक लगाने और महापंचायत को लेकर टीवी डिबेट और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, पुलिस उनकी जांच करें राज्य सरकार को इस मामले में तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में दोपहर 11:45 बजे महापंचायत पर रोक संबंधी याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। महिला अधिवक्ता ने ऑनलाइन अपनी बात रखी। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासन कानून व्यवस्था बनाने में नाकामयाब हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्टर और बैनर लगाकर एक धर्म विशेष के लोगों को धमकाया जा रहा है और वहाँ से भगाया जा रहा है. ऐसे लोगो के खिलाफ कार्यवाही की जाय. वहीं महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि शिकायतकर्ता और अधिवक्ता दिल्ली से हैं और वहां से सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। ये लोग अपने क्षेत्र की समस्या पर ध्यान दें और उन्हें सुलझाएं हमारे प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों का एक भी मामला अब तक दर्ज नहीं है। ये लोग इसे बिगाड़ना चाहते हैं। महाधिवक्ता ने कहा कि उत्तरकाशी जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुरोला में धारा 144 लगा दी गई है.