उत्तराखंड. एक बड़ी खबर आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी की सी.बी.आई.जांच की मांग संबंधी याचिका को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया है। Uksssc पेपरलीक मामले में याचिकाकर्ता लगाकर सी.बी.आई.जांच की मांग कर रहे हैं। महाधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। न्यायालय ने दोनों पक्षों को अपनी अपनी रूलिंग फ़ाइल करने को कहा है।
मामले के अनुसार कांग्रेस के विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि uksssc .परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जाँच एस.टी.एफ.सही तरीके से नहीं कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है वो छोटे छोटे लोगों की हुई है। जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसमे यू.पी.और उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं और सरकार उनको बचा रही है। इसलिए इस मामले की जाँच एस.टी.एफ.से हटाकर सी.बी.आई.से कराई जाए। वर्ष 2021 में यह परीक्षा हुई थी और 22 जुलाई 2022 को अनु.सचिव राजन नैथानी ने रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। एफ.आई.आर.में कहा गया है कि व्हाट्स एप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रशन हल कराए गए। एस.टी.एफ.ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन और सी.डी.आर.के माध्यम से जाँच की शुरुआत की जो सही पाई गई और उसमें कई लोगो की गिरफ्तारियाँ हुई है। आज वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने निर्णय को सुरक्षित रख लिया है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट अब कभी भी मामले में आदेश जारी कर सकता है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से सीएससी सीएस रावत ने बताया कि अब तक इस मामले में 46 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच तेजी से चल रही है। आरोपित हाकम सिंह के अवैध मकान व रिसॉर्ट पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है.
उसका उद्यान भी कब्जे में ले लिया है। मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का आरोप था कि सरकार बड़ों को बचा रही है, लिहाजा सीबीआई जांच जरूरी है।
विधायक भुवन कापड़ी ने याचिका दायर कर कहा है कि यूकेएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है। घोटाले में यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी व नेता शामिल है, सरकार उनको बचा रही है, इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए।