उत्तराखंड ।एक बड़ी खबर आपको बता दें कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के वीडियो वीपीडियो पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी नेताओं की गिरफ्तार किया है। इन्होंने 36 लाख रुपये में पेपर खरीदकर गूगल सर्च इंजन से हल किया और अभ्यर्थियों को देहरादून बुलाकर उत्तर मुहैया कराए। इनमें से एक खुद भी परीक्षा में शामिल हुआ और 573वीं रैंक हासिल की थी। इस मामले में एसटीएफ अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
आपको बता दें कि दोनों ही आरोपी उपनल कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष रहे है।
पकड़े गए आरोपी भावेश जगूड़ी और दीपक चौहान उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से भावेश वर्ष 2014 मे 2017 और दीपक वर्ष 2017 से 2020 के बीच संगठन के अध्यक्ष पद पर रहे हैं। वर्तमान में वे उपनल के माध्यम से एचएनबी यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे।
आपको बता दें कि दीपक चौहान (हाल निवासी बालावाला) और भावेश जगूड़ी निवासी जोगत पट्टी दिल्ली उत्तरकाशी (हाल निवासी विद्या विहार, कारगी चौक) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पता चला कि दोनों ने जयजीत से 36 लाख रुपये में पेपर परीक्षा से एक दिन पहले सभी प्रश्नों खरीदा था। इसकी जानकारी उसने के उत्तर गूगल पर सर्च किए थे अपने साथी भावेश जगूड़ी को भी दी इसकी तस्दीक होने से आरोपियों के थी भावेश कुछ अभ्यर्थियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य भी मिल गए। संपर्क में आया और उन्हें देहरादून पूछताछ में दीपक चौहान ने बताया बुला लिया। यहां अभ्यर्थियों से पेपर कि वह आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन हल करने के बदले लाखों रुपये लिए कंपनी के कर्मचारी जयजीत को गए। आरोपियों को अभ्यर्थियों से जानता था जयजीत दास यूनिवर्सिटी कितने रुपये मिले थे, इसकी जांच की ।एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ और विवेचना में कई नए लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें से सेलाकुई से भर्ती किए गए हैं। स्थित एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कनिष्ठ क्लक दीपक चौहान निवासी भन्सबाड़ी, टिहरी गढ़वाल एसटीएफ ने दोनों आरोपियों के मोबाइल नंबरों को भी जांच की इसके बाद इनकी इंटरनेट सर्च हिस्ट्री से जानकारी निकलकर सामने आई।